वारेन बफेट इन्वेस्टमेंट Best Indicator?
आइए जानते बेस्ट इंडीकेटर ऐसा तो शेयर मार्केट अनगिनत इंडीकेटर है लेकिन हर इंडीकेटर का आपने आप में एक खूबी है एक calculation है अब इंडिकेटर" शब्द का इस्तेमाल हम कब करते हैं? जब हम गाड़ी चलाते हैं, अगर हमें राइट साइड में मुड़ना है, तो पहले राइट साइड का इंडिकेटर लगाते हैं और बाद में राइट में मुड़ जाते हैं। लेकिन बहुत सारे लोग पहले मुड़ जाते हैं और इंडिकेटर बाद में लगाते हैं। क्या शेयर मार्केट में ऐसा कोई इंडिकेटर है जो हमें बताता है शेयर मार्केट सस्ता कब है और महंगा कब है? साल 2001 में दुनिया के सबसे सफल निवेशक वॉरेन बफेट ने एक इंडिकेटर बताया था जिसे "मार्केट कैप टू जीडीपी रेशियो" कहते हैं। इसके जरिए वे पहचानते हैं कि मार्केट सस्ता है या महंगा।
मार्केट कैप क्या है Market CAP kya hai?
मार्केट कैप का मतलब क्या है? मार्केट कैप को एक आसान उदाहरण से समझते हैं। मान लो एक कंपनी है XYZ लिमिटेड, और उस कंपनी के एक शेयर का दाम है 10 रुपए। अगर बाजार में उसके 1000 शेयर हैं, तो 1000 शेयर × 10 = 10,000 रुपए। यह XYZ लिमिटेड का मार्केट कैप है।
शेयर मार्केट में एक ही कंपनी नहीं होती। सभी कंपनियों के मार्केट कैप को जोड़ने पर हमें पूरे शेयर मार्केट का मार्केट कैप मिल जाता है।
GDP क्या होता है GDP kya hota hai?
जीडीपी का मतलब क्या है? जीडीपी यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट। इसे भी एक उदाहरण से समझते हैं। मान लो एक कंपनी पेन बनाती है, एक पेन की कीमत 10 रुपए है, और कंपनी ने पूरे साल में 1000 पेन बनाए। तो 1000 × 10 = 10,000 रुपए का प्रोडक्शन हुआ। यही जीडीपी है।
देश की सभी कंपनियों के प्रोडक्शन को जोड़ने पर हमें पूरे देश का जीडीपी मिलता है।
वॉरेन बफेट का कहना है: किसी देश का शेयर मार्केट का मार्केट कैप उसके जीडीपी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर मार्केट कैप जीडीपी से ज्यादा हो जाए, तो मार्केट महंगा है। और अगर मार्केट कैप जीडीपी से कम हो, तो वहां निवेश का मौका हो सकता है।
Price to Earning Ratio (PE) क्या है?
मार्केट कैप टू जीडीपी रेशियो से हमें पता चलता है कि मार्केट सस्ता है या महंगा। लेकिन क्या उतनी वैल्यू बन रही है? यह समझने के लिए PE रेशियो देखते हैं।
PE रेशियो का मतलब है – एक रुपए कमाने के लिए कितना निवेश करना पड़ रहा है।
अगर PE रेशियो 10 है, तो इसका मतलब 1 रुपए कमाने के लिए 10 रुपए का निवेश करना पड़ेगा।
वॉरेन बफे जब मार्केट में वैल्यू देखते हैं, तभी ज्यादा निवेश करते हैं। और जब वैल्यू नहीं दिखती, तो कैश पर रहते हैं।
निवेश का सही तरीका
जब मार्केट सस्ता हो, तब ज्यादा निवेश करें।
जब मार्केट महंगा हो, तब कम निवेश करें। इस तरह का निवेश पिरामिड बनाकर हम नुकसान को कम कर सकते हैं।
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